Tuesday, April 22, 2008

मुझे सरकारी गुंडों से बचाओ

मुम्बई के किल्ला कोर्ट में अरुण गवली की पेशी थी, सभी कैमरा मन कैमरा तान कर खड़े हो गए , शूटिंग चल रही थी , तभी कर्तव्यनिष्ठा से शूटिंग कर रहे सीटीवी के कैमरा मन पर पुलिस ने हाथ उठा दिया, और बेबाक शब्दों में जवाब दिया ये हमारा काम हैं। यानी अब पुलिस के काम बदल गए है। उनकी कर्तव्यनिष्ठा बदल गयी है..उल्टे धमकी देकर चेतावनी भी देतें हैं। सवाल यही उठता है की इन पुलिस वालों को किसने अधिकार दिया है इस तरह से क़ानून को हाथ में लेने के लिएसाथ ही ये भी धमकी दे देते हैं की जो करना है कर लेना। यानी कानून इन्हीं से बनता है, और इन्हीं पर khatm hotaa है । मीडिया और पुलिस में karib एक घंटों तक nonk jhonk chalati रही , और पुलिस bavaal katati रही । shikaayat लिखने में भी aanaakaani करते रहे , लेकिन बाद में shikat darz की , और मुम्बई आला afasar kaa bayan आता है की sakhat karrvaai kee jayegi॥ लेकिन kahin ये bayaan jhunjhanaa ना sabit हो jae जिसे केवल bajaate रहा jaen ।

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