Tuesday, June 9, 2009

सागर की छाती पर बन गया पुल

कानूनी दावं पेंच सियासी अखाडे की जंग और स्थानीय लोगों की नाराजगी झेलकर मुंबई करों के स्वागत के लिए सागर की छाती पर बांद्रावरली सी लिंक बनाकर तैयार हो गया है। २००१ में पुल बनाने की नींव शुरू हुई थी। और २००४ में बनाकर तैयार होना था। लेकिन इस योजना को नज़र लग गयी और काम धीरे धीरे खटाई में पड़ता चला गया। चार सौ करोड़ रुपये में बनकरतैयार होने वाला ये पुल १६०० करोड़ रुपये बनकरतैयार हुआ। प्रोजेक्ट पर काम जैसे ही काम शुरू हुआ। तो सागर की अथाह गहराई की तरह अड़चने आने शुरू हों गयी। कभी मछिमारों की मार तो कभी पर्यावरण विदों ने अड़ंगा डालते रहे। रही सही कसर सियासत भी होती रही । और नतीजे ये निकलते रहे की प्रोजेक्ट ख़ुद सागर में गोताखाने लगा। लेकिन पुल को बनाने वाली कंपनी हिन्दुस्तान कन्स्ट्रशन ने हार नहीं मानी । और सागर की अथाह गहराईको नापने के लिए आतुर रही।
लगभग ५० मंजिल की ईमारत की ऊंचाई पर बनाये गए इस पुल को केबल से बांधा गया है। और इसके केबल चीन से मंगाए गए हैं। एक केबल तकरीबन ८०० टन का वजन सहन कर सकता है।सात किलोमीटर के लंबे इस पुल ५.१ किलोमीटर का समुद्री मार्ग है। इस पुल से हर दिन करीबन सवा लाख गाड़िया गुजरेंगी।
मुसाफिरों को जो रास्ता तय करने में 40 मिनट का समय खर्च करना पड़ता था, अब यह दूरी महज 6-7 मिनट में तय की जा सकेगी। करीबन साढ़े सात किलोमीटर लम्बे इस अजूबे में ट्रैफिक का दबाव न पड़े इसके लिए इस पुल को आठ लेन का बनाया गया है। इस पुल की ऊंचाई समुद्रीय सतह से 126 मीटर से भी ज्यादा है। आम लोगों की भाषा में कहे तो मुंबई की 50 माले वाली बिल्डिंग से भी ज्यादा ऊंचा है।
पुल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पूरा पुल केबल्स की मदद से बांधकर खड़ा किया गया है। पुल में लगे केबल्स चीन से मंगवाए गए हैं। करीबन 432 केबल्स द्वारा बांधे गए इस पुल को जंग से बचाने के लिए खास पेस्ट और पोलिथीन से कवर किया गया है। इसके अलावा पुल में कंक्रीट और स्टील का ही ज्यादातर इस्तेमाल किया गया है।
इस सुहाने सफर के लिए लोगों को अपनी जेब भी ढीली करनी पड़ेगी और सरकार की कमाई भी खूब होगी। इस पुल से एक दिन में लगभग 80 लाख रुपये बतौर टोल टैक्स के रूप में मिलेंगे।एक अनुमान के मुताबिक पुल से हर दिन करीबन एक लाख तीस हजार गाड़ियां गुजरेंगी। लेकिन मोटरसाइकिल प्रेमियों के लिए निराशा भरी बात यह है कि इस पुल पर मोटरसाइकिल चलाने की अनुमति नहीं दी गई है।क्योंकि लम्बा समुद्री पुल होने की वजह से मोटरसाइकिल चालकों के लिए यह पुल खतरनाक साबित हो सकता है जो की तेज हवाएं और गाड़ियों की रफ्तार के चलते मोटरसाइकिल चालक का संतुलन कभी भी बिगाड़ सकती है।इस पुल से करीबन 1।30 लाख गाड़िया गुजरेंगी। एक गाड़ी से औसत टोल टैक्स 60 रुपये भी मान लिया जाए तो 78 लाख रुपये होता है इसको देखते हुए माना जा रहा है कि एक दिन में इस पुल से करीबन 80 लाख रुपये टोल टैक्स के रुप में वसूला जाएगा।
पुल की खासियत को देखकर आई आई बी ई ने ब्रिज को देश का सर्वश्रेष्ठ ब्रिज का एवार्ड दिया है। अब इस ब्रिज को जल्द ही आम जनता के हाथों में आ जाएगा जिससे सभी लोग ऊंचाई से सागर का नज़ारा ले सकते है। और भारत की आधुनिक तकनीक और बुलंद इरादों के बल पर देश का पहला समुद्री पुल बनकर तैयार हो गया है। जो सागर की गहराई और आसमान की ऊंचाई नाप रहा है। सागर की छाती पर बनकर पूरे देशवासियों का तहे दिल से स्वागत कर रहा है।

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